2025 में काली पूजा 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी। यह पूजा विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम में धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन देवी काली की पूजा अमावस्या तिथि के मध्य रात्रि में की जाती है, जो इस दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त (निशिता पूजा समय)
निशिता पूजा समय: रात्रि 11:41 से 12:31 (21 अक्टूबर)
अमावस्या तिथि: 20 अक्टूबर, दोपहर 3:44 बजे से 21 अक्टूबर, शाम 5:54 बजे तक
काली पूजा
असम में भी काली पूजा बड़े धूमधाम से मनाई जाती है, विशेषकर गुवाहाटी और अन्य प्रमुख शहरों में। यहाँ पर काली पूजा के दौरान देवी काली की भव्य प्रतिमाएँ स्थापित की जाती हैं और रातभर भजन-कीर्तन, दीप जलाने, और विशेष पकवानों का भोग अर्पित किया जाता है।
पूजा विधि
स्थान: स्वच्छ स्थान पर देवी काली की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
सामग्री: लाल फूल, धूप, दीप, फल, मिठाई, लाल चंदन, और कुमकुम की आवश्यकता होती है।
मंत्र: ॐ ह्लीं क्लीं कालीका-ए नमः।
विशेष ध्यान: रात्रि के समय विशेष रूप से तंत्र-मंत्र का जाप और देवी की पूजा की जाती है।
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