2025 में लक्ष्मी पूजा 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी। यह दिन दीपावली का प्रमुख दिन है, जब देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (20 अक्टूबर 2025)
प्रदोष काल: शाम 5:57 बजे से रात 8:27 बजे तक
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: रात 7:23 बजे से 8:27 बजे तक
वृषभ काल: रात 7:23 बजे से 9:21 बजे तक
अमावस्या तिथि: 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे से 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे तक
पूजा की तैयारी
घर की सफाई और सजावट करें।
मुख्य द्वार पर कलश और दीपमालिका रखें।
पूजा स्थल को फूलों, रंगोली और दीपों से सजाएं।
पूजा में फल, मिठाइयाँ, सिक्के, चंदन, कुमकुम, दीपक, और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियाँ रखें।
पूजा विधि
गणेश जी की पूजा से शुरुआत करें।
देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र का पूजन करें।
मंत्रोच्चारण करें और दीप जलाएं।
आरती का गायन करें।
प्रसाद का वितरण करें।
लक्ष्मी पूजा का आयोजन विशेष रूप से रात के समय किया जाता है, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है। यह समय देवी लक्ष्मी के आगमन के लिए उपयुक्त माना जाता है।
यदि आप पूजा विधि, मंत्र या अन्य जानकारी चाहते हैं,
शानदार! लक्ष्मी माता की पूजा का संकल्प लेना बहुत शुभ होता है। यहाँ मैं आपको संक्षेप में लक्ष्मी पूजन विधि, मंत्र, और कुछ टिप्स दे रहा हूँ ताकि आप 2025 में 20 अक्टूबर को अपने घर पर विधिवत पूजा कर सकें।
लक्ष्मी पूजा विधि (2025)
तारीख: सोमवार, 20 अक्टूबर 2025
मुहूर्त: शाम 7:23 बजे से रात 8:27 बजे तक
अमावस्या तिथि: 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 से 21 अक्टूबर शाम 5:54 तक
पूजा सामग्री
देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति/चित्र
दीपक, तेल/घी, बात ी
चावल, रोली, हल्दी, कुमकुम
फूल, पान, सुपारी, लौंग
फल, मिठाई, नारियल
सिक्के या नोट (धन का प्रतीक)
पूजा थाली और कलश
पूजा विधि स्टेप-बाय-स्टेप
घर की सफाई करें, विशेष रूप से पूजा स्थल की।
रंगोली बनाएं और दीप जलाएं।
कलश स्थापना करें, उसके ऊपर आम के पत्ते और नारियल रखें।
गणेश पूजन करें—“ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
लक्ष्मी माता का पूजन करें।
उन्हें फूल, कुमकुम, अक्षत, मिठाई आदि अर्पित करें।
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 11 बार जाप करें।
आरती करें: “जय लक्ष्मी माता...” और “ओम जय जगदीश हरे...”
प्रसाद वितरण करें और सभी को आशीर्वाद दें।
आरती (हिंदी में)
मुख्य मंत्र (जप के लिए)
1. लक्ष्मी माता की आरती
जय लक्ष्मी मात ा
जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
जय लक्ष्मी माता...
उर झारो जल थाल, करती आरती माता।
सेवा करें नारद ऋषि, हरषित मन गाता॥
जय लक्ष्मी माता...
(पूरा टेक्स्ट चाहिए हो तो मैं भेज दूँ!)
2. लक्ष्मी मंत्र
इनमें से कोई एक या सभी मंत्र जप सकते हैं:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
ॐ लक्ष्म्यै नमः
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः
ॐ धनदाय नमः
ॐ नमो भगवत्यै महालक्ष्म्यै नमः
जप कम से कम 11, 21 या 108 बार करें।
3. पूजा चेकलिस्ट
सामग्री:
लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति/चित्र
दीया, बाती, घी या तेल
धूप, अगरबत्ती
रोली, चावल, हल्दी, कुमकुम
फूल (लाल/कमल विशेष शुभ)
मिठाई, फल, मेवे
नारियल, सुपारी, पान
सिक्के/नकद धन
जल से भरा कलश, आम के पत्ते
रंगोली सामग्री
आरती की किताब या प्रिंट
आसन (बैठने के लिए)
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